आज कल गाजर खूब बाजार में आ रही है। ऐसे में गाजर का उपयोग करके आप अपनी सेहत को दुरुस्त कर सकते हैं। वैसे भी आयुर्वेद कहता है कि सीजन या ऋतुगत सब्जियां एवं फल हमेशा शरीर के लिए लाभप्रद होते हैं। गाजर में भरपूर विटामिन ए पाया जाता है। आज हम गाजर से जुड़े कुछ घरेलू उपाय बताते हैं-
– गाजर के सेवन से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
-यदि आपके शरीर पर कहीं भी खाज या खुजली हो गई है। त्वचा में बहुत जलन होती है तो गाजर को पीस कर गरम कर लें। उसमें हल्का सा सेंधा नमक मिला कर उस स्थान पर लेप कर लें जिस स्थान पर खाज अथवा खुजली पीड़ा दे रही है। आपको आराम पहुंचेगा।
– रोजाना एक गिलास गाजर का जूस पीने से स्मरण शक्ति का विकास होता है।
-यदि आप गठिया के मरीज है। तो एक गिलास गाजर के रस से एक चम्मच अजमोदा चूर्ण दिन में तीन बार उपयोग करें।
-यदि भूख न लगती हो, अरुचि हो गई हो तो ऐसे में गाजर में नमक नींबू लगा कर अदरक और पुदीने के साथ सेवन करने से भूख लगने लगती है। अरुचि नष्ट हो जाती है।
-मधुमेह के रोगियों के लिए गाजर अमृत समझी जाती है। एक गिलास गाजर के रस में एक कप करेले का रस मिला कर पीने से मधुमेह में लाभ मिलता है। या एक गिलास गाजर के रस में आधा कप आंवले का रस मिला कर दिन में दो तीन बार पीने से मधुमेह में लाभ मिलता है। या गाजर के साथ पालक मिलाकर उसका जूस निकाल कर उसमें थोड़ा काला नमक इस्तेमाल करके मधु मेह में लाभ मिलता है।
-यदि मूत्र संस्थान में पथरी की शिकायत हो तो रोजाना एक गाजर का सेवन करें। ऐसा करने से पथरी धीरे धीरे पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाएगी। ऐसा करने से मूत्रअवरोध भी दूर हो जाता है। पेशाब खुल कर आता है।
-यदि मूंह में छाले हो गये हैं तो ऐसे में गाजर के रस को मुंह में घुमा कर कुल्ला करके उस जूस को पी लेने से मुंह के छालों में राहत मिलती है।
-गाजर रक्त को शुद्ध करता है। इसके सेवन से शरीर की शक्ति बढ़ती है। बुढ़ापा दूर होता है। मानसिक और शारीरिक दोनों क्षमताएं विकसित होती है।
-यदि दूध पिलाने वाली स्त्री को दूध न बन रहा हो तो गाजर का इस्तेमाल करके प्रसूता को दूध बनने लगता है।
-गाजर में क्योंकि फाइबर की अधिकता होती है इसलिए यदि गाजर को चबा चबा कर खाया जाए तो आंतों की सफाई हो जाती है। जिससे कब्ज और गैस की समस्या में आराम मिलता है।
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